मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए
प्रश्न 1.
काठगोदाम के पास भीड़ क्यों इकट्ठी हो गई थी?
उत्तर
काठगोदाम के पास एक कुत्ते ने एक सुनार की उँगली काट खाई थी। वह चीखता भागता चला
आ रहा था। उसने कुत्ते की पिछली टाँग पकड़ ली थी। और वह उसे मार रहा था। कुत्ता
मार खाकर और भीड़ के डर से चिल्ला रहा था। ख्यूक्रिन और कुत्ते की आवाजें सुनकर
लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी।
प्रश्न 2.
उँगली ठीक न होने की स्थिति में ख्यूक्रिन का नुकसान क्यों होता?
उत्तर
उँगली ठीक न होने पर ख्यूक्रिन हफ्ते भर तक काम न कर पाता। वह लकड़ी लेकर काम
निपटाना चाहता था, जो काफ़ी पेचीदा था, यह काम पूरा न हो पाता।
प्रश्न 3.
कुत्ता क्यों किकिया रहा था?
उत्तर
ख्यूक्रिन ने कुत्ता द्वारा काटे जाने पर उसे मारा-पीटा था। उसने कुत्ते के पीछे
दौड़ते हुए उसकी पिछली एक टाँग पकड़ ली थी। उसे तीन टाँगों के बल ही रेंगना पड़
रहा था। इसलिए वह डर के मारे किकियाने लगा था।
प्रश्न 4.
बाज़ार के चौराहे पर खामोशी क्यों थी?
उत्तर
बाजार ये ओचुमेलॉव सिपाही के साथ घूम रहा था। वह रिश्वतखोर, चापलूस तथा पक्षपाती
था। वह लोगों की वस्तुएँ जब्त कर लेता या इसलिए चौराहे पर शांति थी।
प्रश्न 5.
जनरल साहब के बावर्ची ने कुत्ते के बारे में क्या बताया?
उत्तर
जनरल साहब के बावर्ची ने कहा-यह हमारा नहीं है। यह तो जनरल झिगालॉव के भाई साहब
का है, जो थोड़ी देर पहले यहाँ पधारे हैं, अपने जनरल साहब को ‘बारजोयस’ नसल के
कुत्तों में कोई दिलचस्पी नहीं है पर उनके भाई को यही नसल पसंद है।
लिखित
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए
प्रश्न 1.
ख्यूक्रिन ने मुआवज़ा पाने की क्या दलील दी?
उत्तर
ख्यूक्रिन ने मुआवजा पाने के लिए दलील दी कि वह एक कामकाजी आदमी है और उसका काम
पेचीदा किस्म का है। उसे मित्रिच से लकड़ी लेकर कुछ काम निपटाना था। कुत्ते ने
अकारण उसकी उँगली को काट खाया, जिसके कारण अब एक हफ्ते तक उसकी उँगली काम करने
लायक नहीं रही। इससे उसे काफ़ी नुकसान होगा। इसी आधार पर उसने कुत्ते के मालिक से
मुआवजा दिलाने की प्रार्थना की।
प्रश्न 2.
ख्यूक्रिन ने ओचुमेलॉव को उँगती ऊपर उठाने का क्या कारण बताया?
उत्तर
ओचुमेलॉव एक इंसपेक्टर है जिसे एक सिपाही के साथ कानून व्यवस्था बनाए रखने का
उत्तरदायित्व सौंपा गया है। वह अपने लाभ के लिए निर्दोष को दोषी और दोषी को
निर्दोष बताने से कभी नहीं चूकता है। उसकी चरित्र की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- वह भ्रष्ट और रिश्वतखोर पुलिसवाला है।
- वह अवसरवादी है और मौके का लाभ उठाने से नहीं चूकता है।
- वह चापलूस और चाटुकार है, जो जनरल को खुश करने की फिराक में रहता है।
- वह निर्दयी एवं कठोर है और जनता को डराकर रखता है।
- वह अपने स्वार्थ के लिए किसी स्तर तक गिरने को तैयार रहता है।
प्रश्न 3.
येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
उत्तर
जब येल्दीरीन को पता चला कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है तो उसने ख्यूक्रिन को
दोषी ठहराते हुए कहा कि वह जानता है कि ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता
रहता है। इसने जरूर अपनी जलती हुई सिगरेट से कुत्ते की नाक जला दी होगी जिससे
कुत्ते ने इसे काटा है। यदि कुत्ते ने इसे काटा है तो इसमें सारा दोष ख्यूक्रिन
का ही है। कुत्ते का कोई दोष नहीं है।
प्रश्न 4.
ओचुमेलॉव ने जनरल साहब के पास यह संदेश क्यों भिजवाया होगा कि ‘उनसे कहना कि यह
मुझे मिला और मैंने इसे वापस उनके पास भेजा है?
उत्तर
ओचुमेलॉव चाटुकार, अवसरवादी एवं पक्षपाती इंसपेक्टर था। वह भाई-भतीजावाद का पोषक
था। वह जनरल की निगाह में अच्छा बनने के लिए उनका हितैषी बनकर उनका कृपापात्र
बनना चाहता था। उसने पदोन्नति पाने के लिए ऐसा किया होगा।
प्रश्न 5.
भीड़ ख्यूक्रिन पर क्यों हँसने लगती है?
उत्तर
ख्यूक्रिन कुत्ते द्वारा काटे जाने पर मुआवजे की आशा करता है। इंस्पेक्टर
ओचुमेलॉव को जब पता चलता है कि कुत्ता जनरल
साहब के भाई का है तो वह ख्यूक्रिन को ही दोष देता है और कुत्ते को पुचकारता है।
उस समय ख्यूक्रिन के स्थान पर उसे एक जानवर अधिक प्यारा और अच्छा लगता है।
ख्यूक्रिन की स्थिति उस कुत्ते से भी बदतर हो जाती है। ख्यूक्रिन की विवशता देखकर
तथा इंस्पेक्टर के बदलते रूप और पक्षपाती कानून व्यवस्था पर भीड़ हँसने लगती है।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए
प्रश्न 1.
किसी कील-वील से उँगली छील ली होगी-ऐसा ओचुमेलॉव ने क्यों कहा?
उत्तर
ओचुमेलॉव एक चापलूस व अवसरवादी इंस्पेक्टर था। वह अवसर देखकर ही बातें करने वाला
है और उसे प्रत्येक अवसर का लाभ उठाना भी आता है। जब उसे पता चलता है कि कुत्ता
जनरल झिगालॉव के भाई साहब का है तो वह अपने आपको पूरी तरह बदल देता है। ख्यूक्रिन
द्वारा शिकायत करने पर पहले तो वह कुत्ते के मालिक को दंड देने की बात तक करता
है। लेकिन यह पता चलते ही कि यह कुत्ता जनरल साहब का है वह अपनी ही बात बदल देता
है। वह उल्टा-ख्यूक्रिन पर ही दोष लगाता है कि उसने जानबूझकर कील से उँगुली छीली
है और वह कुत्ते पर झूठा आरोप लगा रहा है। ओचुमेलॉव चापलूस किस्म का व्यक्ति है
इसी कारण वह ख्यूक्रिन का कोई दोष न होते हुए भी उसी पर दोष लगाता है। वह जनरल
झिगालॉव के कुत्ते को अच्छा बताकर उनकी चापलूसी करता है।
प्रश्न 2.
ओचुमेलॉव के चरित्र की विशेषताओं को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
ओचुमेलॉव एक भ्रष्ट पुलिस इंस्पेक्टर का प्रतिनिधित्व करने वाला पात्र है। वह
गिरगिट की तरह रंग बदलता है उसकी नज़र दो बातों पर रहती है
(क) अपने शिकार पर।
(ख) अपने बड़े अधिकारियों को खुश करने पर। इसके लिए वह
परिस्थिति के अनुसार रंग बदल लेता है। वह रिश्वतखोर
व्यक्ति है। यही कारण है कि जब वह अपने सिपाही के साथ बाजार में निकलता है तो
चारों ओर खामोशी छा जाती है। वह लोगों से जबरदस्ती लूट-खसोट करने वाला व्यक्ति
है। उसके चरित्र की विशेषताएँ इस प्रकार हैं
- वह एक भ्रष्ट और चालाक पुलिस वाला है। –
- वह अवसरवादी है और मौका देखकर गिरगिट की तरह रंग बदलता है।
- पद और आर्थिक हैसियत के आधार पर वह लोगों से व्यवहार करता है।
- वह बेहद चापलूस और चाटुकार है।
- वह निर्दयी और कठोर है। जनता में वह अपना आतंक फैलाकर रखता है। जब वह बाज़ार से गुजरता है तो लोग अंदर हो जाते हैं।
- वह उच्च वर्ग के लोगों के प्रति विशेष अनुग्रह रखता है। उनके प्रति सदा वफादारी और हमदर्दी दिखाता है।
- वह अपने लाभ के लिए किसी के साथ भी अन्याय कर सकता है।
प्रश्न 3.
यह जानने के बाद कि कुत्ता जनरल साहब के भाई का है-ओचुमेलॉव के विचारों में क्या
परिवर्तन आया और क्यों?
उत्तर
ओचुमेलॉव के विचार और व्यवहार में ज़मीन-आसमान का अंतर आ गया। पहले वह कुत्ते को
आवारा, कुत्ते के मालिक को दोषी तथा ख्यूक्रिन को बेचारा कह रहा था। अब वह कुत्ते
को पुचकारने लगता है। वह उसे अत्यंत सुंदर डॉगी और अत्यंत खूबसूरत पिल्ला कहता
है। ओचुमेलॉव उसे नन्हा-सा शैतान कहकर जनरल साहब के बावर्ची को सौंप देता है।
उसके बाद वह उस व्यक्ति को धमकाता है जो कुत्ते के मालिक से हर्जाना चाहता है। वह
उसे मारने-पीटने की धमकी देकर वहाँ से भगा देता है। ओचुमेलॉव में यह परिवर्तन
इसलिए आया। क्योंकि
- वह जानता था कि जनरल साहब व उनके भाई उच्च पद पर हैं।
-
वह उन्हें नाराज़ कर अपना नुकसान नहीं करना चाहता था। – वह जानता था कि उनसे
कभी-न-कभी उसका कोई काम बन सकता है या उसे लाभ पहुँच सकता है। इसलिए वह हाथ
में आए इस अवसर को खोना नहीं चाहता था।
प्रश्न 4.
ख्यूक्रिन का यह कथन कि ‘मेरा एक भाई भी पुलिस में है……। समाज की किस वास्तविकता
की और संकेत करता है?
उत्तर
ख्यूक्रिन के इस कथन से समाज में फैली भाई-भतीजावाद की प्रवृत्ति का पता चलता है।
ख्यूक्रिन अपने साथ न्याय न होता देखकर अपने भाई को पुलिस वाला बताने लगा। इस तरह
वह ओचुमेलॉव व वहाँ उपस्थित लोगों पर रौब डालना चाहता है। इससे पता चलता है कि
समाज में अराजकता, भ्रष्टाचार का साम्राज्य है। संपूर्ण शासन व्यवस्था पक्षपात और
स्वार्थ का पर्याय बन गई है। समाज में कानून नहीं अपितु दबाव काम करता है। पुलिस
का भय समाज को त्रस्त रखता है। इस कहानी से स्पष्ट हो जाता है कि पुलिस
निरपराधियों को सताती है व दोषियों की मदद करती है।
प्रश्न 5.
इस कहानी का शीर्षक ‘गिरगिट क्यों रखा होगा? क्या आप इस कहानी के लिए कोई अन्य
शीर्षक सुझा सकते हैं? अपने शीर्षक का आधार भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘गिरगिट’ एक ऐसा जीव होता है जो शत्रु से स्वयं को बचाने के लिए अपने आस-पास के
वातावरण के अनुसार अपना रंग
बदल लेता है। प्रस्तुत कहानी का मुख्य पात्र ओचुमेलॉव भी ऐसा ही व्यक्ति है। वह
अपने स्वार्थ के लिए परिस्थितियों के अनुसार अपनी बात, व्यवहार और दृष्टिकोण को
बार-बार बदल लेता है। वह वास्तव में अवसरवादी है और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला
है। कभी वह आम आदमी के साथ हो जाता है तो कभी भाई-भतीजावादी और चापलूस बनकर कानून
के साथ खिलवाड़ करता है। उसके व्यक्तित्व में स्थिरता नहीं है। जब तक ओचुमेलॉव को
यह पता नहीं चलता कि काटने वाला कुत्ता जनरल साहब का या उनके भाई का है तब तक वह
कुत्ते व उसके मालिक को कानूनी तौर पर सबक सिखाने को। निर्णय करता है। लेकिन जैसे
ही उसे यह पता चलता है कि कुत्ता जनरल साहब का है। वैसे ही उसे कुत्ता खूबसूरत व
बेकसूर नज़र आने लगता है। कहानी के लिए ‘गिरगिट’ शीर्षक उपयुक्त है। इसके अन्य
शीर्षक हैं-चापलूस इंस्पेक्टर, अवसरवादी। ओचुमेलॉव के व्यक्तित्व की अस्थिरता व
व्यवहार में आने वाले परिवर्तनों को प्रकट करने के लिए ये शीर्षक उचित हैं।
प्रश्न 6.
‘गिरगिट’ कहानी के माध्यम से समाज की किन विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है?
क्या आप ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में भी देखते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
गिरगिट कहानी के माध्यम से समाज में व्याप्त भाई-भतीजावाद, न्याय की कमी,
चापलूसी, अवसरवादिता जैसी विसंगतियों पर व्यंग्य किया गया है। लेखक ने बताया है
कि आम आदमी का खास महत्त्व नहीं था। अवसर एवं परिस्थिति के अनुसार पुलिस अपना
पाला बदल लेती है। जनसाधारण न्याय की अपेक्षा तो करता है परंतु स्वार्थ और
उच्चाधिकारियों के दबाव के कारण वह न्याय से वंचित रह जाता है। हालात ऐसे हैं कि
पीड़ित और निर्दोष को दोषी बताकर धमकाते हुए भगा देने जैसी घटनाओं पर व्यंग्य
किया गया है। हाँ, हम भी ऐसी विसंगतियाँ अपने समाज में देखते हैं। ईमानदार तथा
स्वच्छ छवि वाले लोग त्रस्त हैं और त्रस्त किए जा रहे हैं, जबकि बेईमान एवं
भ्रष्ट नेता एवं अधिकारी दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करते जा रहे हैं।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए
प्रश्न 1.
उसकी आँसुओं से सनी आँखों में संकट और आतंक की गहरी छाप थी।
उत्तर
इस पंक्ति से लेखक को आशय यह है कि ख्यूक्रिन द्वारा मार खाए जाने पर कुत्ता घबरा
गया था। उसे आभास हो चुका था कि उस पर गहरा संकट आने वाला है। कुत्ते के किकियाने
की आवाज़ ज़ोर-ज़ोर से सुनाई देने लगी। उसकी आँसुओं से भरी आँखों में ख्यूक्रिन
दुवारा मारे जाने के कारण संकट और भय के भाव थे। वह ऊपर से नीचे तक काँप रहा था।
और ये भाव उसकी आँखों में साफ दिखाई दे रहे थे।
प्रश्न 2.
कानून सम्मत तो यही है… कि सब लोग अब बराबर हैं।
उत्तर
आशय यह है ख्यूक्रिन इंसपेक्टर को यह बताना चाहता था कि कानून की दृष्टि में सभी
बराबर हैं, कोई छोटा या बड़ा नहीं। अपराध चाहे छोटा करे या बड़ा, दंड अवश्य ही
मिलना चाहिए। ख्यूक्रिन कहता है कि उसके दोषी होने पर उस पर भी मुकदमा चलाया जाए,
सभी के साथ समान व्यवहार हो और सभी को न्याय मिलना ही चाहिए, यह कानून सम्मत है।
प्रश्न 3.
हुजूर! यह तो जनशांति भंग हो जाने जैसा कुछ दीख रहा है।
उत्तर
यह कथन सिपाही येल्दीरीन का है। वह इंस्पेक्टर ओचुमेलॉव को भड़काना चाहता है। जब
एक कुत्ते द्वारा काटे जाने पर
ख्यूक्रिन चिल्लाता है तो वहाँ भीड़ इकट्ठी हो जाती है। ख्यूक्रिन बुरी तरह मार
रहा था और वह कुत्ता प्राणरक्षा के लिए चिल्ला रहा था। तभी येल्दीरीन ने ओयुमेलॉव
से कहा कि इस भीड़ को देखकर ऐसा लगता है मानो जनविद्रोह होने वाला हो। शायद लोगों
ने शांति का मार्ग छोड़कर विद्रोह का मार्ग अपना लिया है।
भाषा अध्ययन
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए वाक्यों में उचित विराम-चिह्न लगाइए
(क) माँ ने पूछा बच्चों कहाँ जा रहे हो ।
उत्तर
माँ ने पूछा, “बच्चो! कहाँ जा रहे हो?”
(ख) घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
उत्तर
घर के बाहर सारा सामान बिखरा पड़ा था।
(ग) हाय राम यह क्या हो गया
उत्तर
हाय राम! यह क्या हो गया?.
(घ) रीना सुहेल कविता और शेखर खेल रहे थे
उत्तर
रीना, सुहेल, कविता और शेखर खेल रहे थे।
(ङ) सिपाही ने कहा ठहर तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ उत्तर
उत्तर
सिपाही ने कहा, “ठहर! तुझे अभी मज़ा चखाता हूँ।”
प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित अंश पर ध्यान दीजिए
- मेरा एक भाई भी पुलिस में है।
- यह तो अति सुंदर ‘डॉगी है।
- कल ही मैंने बिलकुल इसी की तरह का एक कुत्ता उनके आँगन में देखा था।
वाक्य के रेखांकित अंश ‘निपात’ कहलाते हैं जो वाक्य के मुख्य अर्थ पर बल देते
हैं। वाक्य में इनसे पता चलता है कि किस बात पर बल दिया जा रही है और वाक्य क्या
अर्थ दे रहा है। वाक्य में जो अव्यय किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में
विशेष प्रकार का बल या भाव उत्पन्न करने में सहायता करते हैं उन्हें निपात कहते
हैं; जैसे-ही, भी, तो, तक आदि । ही, भी, तो, तक आदि निपातों का प्रयोग करते हुए
पाँच वाक्य बनाइए।
उत्तर
ही-कल तुमने ही उसे दिया था।
भी-आप कल भी अंग्रेजी अखबार दे जाना।
तो-तुमने तो अपना गृहकार्य नहीं किया।
तक-उसने मुझे बुलाया तक नहीं।
प्रश्न 3.
पाठ में आए मुहावरों में से पाँच मुहावरे छाँटकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर
- त्योरियाँ चढ़ाना-केशव के बिना पूछे फ़िल्म जाने पर माँ ने त्योरियाँ चढ़ा लीं।
- मत्थे मढ़ना-मोहन ने अपना दोष राम के मत्थे मढ़ दिया।
- छुट्टी करना-यदि साहब आ गए तो हम सब की छुट्टी कर देंगे।
- गाँठ बाँध लेना-मेरी बात गाँठ बाँध लो बेईमानी की कमाई ज्यादा समय नहीं चलती।
- मजा चखाना-मैं तुम्हें तुम्हारी ढिठाई का मज़ा चखाकर रहूँगा।
प्रश्न 6.
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबंध का प्रकार बताइए-
(क) दुकानों में उँघते हुए चेहरे बाहर झाँके।
उत्तर
संज्ञा पदबंध
(ख) लाल बालोंवाला एक सिपाही चला आ रहा था।
उत्तर
विशेषण पदबंध
(ग) यह ख्यूक्रिन हमेशा कोई न कोई शरारत करता रहता है।
उत्तर
क्रिया पदबंध
(घ) एक कुत्ता तीन टाँगों के बल रेंगता चला आ रहा था।
उत्तर
क्रियाविशेषण पदबंध।
प्रश्न 7.
आपके मोहल्ले में लावारिस/आवारा कुत्तों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है जिससे
आने-जाने वाले लोगों को असुविधा होती है। अतः लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते
हुए नगर निगम अधिकारी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर
परीक्षा भवन
नई दिल्ली-110064
10.दिसंबर.20XX
श्रीमान मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय
दिल्ली नगर निगम
नई दिल्ली
विषय-लोगों की असुविधाओं को दूर करने हेतु।
महाशय
इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान अपने मोहल्ले में बढ़ती लावारिस और आवारा
कुत्तों की संख्या की ओर दिलाना चाहता हूँ।
ये कुत्ते हर आने-जाने वाले यहाँ तक कि मोहल्ले के लोगों पर बिना कारण भौंकते
रहते हैं और काटने को दौड़ते हैं। इन कुत्तों के कारण छोटे बच्चों और बूढ़े लोगों
को विशेष परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार तो ये कुत्ते आने-जाने वाले
लोगों की खाने-पीने की चीजों पर भी झपट पड़ते हैं। इससे सारे मोहल्ले में आतंक सा
छा गया है। अतः आपसे अनुरोध है कि इन लावारिस और आवारा कुत्तों को पकड़वाने का
कष्ट करें ताकि लोग चैन की साँस ले सके। हम मोहल्लेवासी आपके अति आभारी
रहेंगे।
धन्यवाद
भवदीय
अब०स०
वार्ड नं. 75, क०ख०ग० नगरी, नई दिल्ली