प्र.1. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प सही है?
(क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के।
(ख) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के गुणनफल के।
(ग) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के अनुपात के।
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर (क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के।
(क) एक विचर वितरण
(ख) द्विचर वितरण
(ग) बहुचर वितरण
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (ख) द्विचर वितरण
(क) प्रेक्षणों के वास्तविक मानों पर
(ख) उच्च वर्ग सीमाओं पर
(ग) निम्न वर्ग सीमाओं पर
(घ) वर्ग के मध्यबिंदुओं पर
उत्तर (क) प्रेक्षणों के वास्तविक मानों पर
(क) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेक्षित नहीं करते।
(ख) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
(ग) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते।
(घ) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
उत्तर (ग) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते।
(ख) न्यूनतम एवं अधिकतम प्रेक्षणों के बीच अंतर
(ग) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का औसत
(घ) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का अनुपात
उत्तर (क) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों के बीच अंतर
प्र.2. वस्तुओं को वर्गीकृत करने में क्या कोई लाभ हो सकता है? अपनी दैनिक जीवन से एक उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
उत्तर - हाँ वस्तुओं को वर्गीकृत करने का बहुत लाभ है
प्र.3. चर क्या है? एक संतत तथा विविक्त चर के बीच भेद कीजिए।
उत्तर - किसी तथ्य की विशेषता या प्रक्रिया जिसे संख्याओं के रूप में मापा जा सके तथा जो समय प्रति समय, व्यक्ति प्रति व्यक्ति तथा समये प्रति समय परिवर्तनशील हो, उसे चर कहा जाता है। एक व्यक्ति की नाक चर नहीं हो सकती क्योंकि यह परिवर्तनशील नहीं है। सभी की एक ही नाक है। कद और वजन यह है क्योंकि ये व्यक्ति प्रति व्यक्ति अलग-अलग होते हैं।
विविक्त तथा संतत चर
प्र.4. आँकड़ों के वर्गीकरण में प्रयुक्त अपवर्जी तथा समावेशी विधियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर - आँकड़ों को संतत श्रृंखला में वर्गीकृत करने की दो विधियाँ हैं:
अपवर्जी श्रृंखला – इस विधि में एक वर्ग की निचली सीमा अगले वर्ग की ऊपरी सीमा होती है। इसमें ऊपरी सीमा वर्ग अन्तराल में शामिल नहीं होती। उदाहरण के लिए;
समावेशी श्रृंखला – इस विधि में एक वर्ग की निचली सीमा अगले वर्ग की ऊपरी सीमा नहीं होती। इसमें निम्न तथा उच्च दोनों सीमाएँ वर्ग अंतराल में शामिल होती हैं। उदाहरण के लिए;
प्र.5. सारणी 3.2 के आँकड़ों का प्रयोग करें, जो 50 परिवारों के भोजन पर मासिक व्यय (रु. में) को दिखलाती है, और
(क) भोजन पर मासिक परिवारिक व्यय का प्रसार ज्ञात कीजिए।
(ख) परास को वर्ग अंतराल की उचित संख्याओं में विभाजित करें तथा व्यय का बारंबारता वितरण प्राप्त करें।
उन परिवारों की संख्या पता कीजिए जिनका भोजन पर मासिक व्यय
(क) 2000/- रु. से कम है।
(ख) 3000/- रु. में अधिक है।
(ग) 1500/-रु. और 2500 रु के बीच है।
उत्तर
प्र.6. एक शहर में, यह जानने हेतु 45 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया कि वे अपने घरों में कितनी संख्या में सेल फोनों का इस्तेमाल करते हैं। नीचे दिए गए उनके उत्तरों के आधार पर एक बारंबारता सारणी तैयार कीजिए।
उत्तर
प्र.7. वर्गीकृत आँकड़ों में सूचना की क्षति’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- बारंबारता वितरण के रूप में आँकड़ों के वर्गीकरण में एक अंतर्निहित दोष पाया जाता है। यह अपरिष्कृत आँकड़ों का सारांश प्रस्तुत कर उन्हें संक्षिप्त एवं बोधगम्य तो बनाता है, परंतु इसमें वे विस्तृत विवरण नहीं प्रकट हो पाते जो अपरिष्कृत आँकड़ों में पाए जाते हैं यद्यपि अपरिष्कृत आँकड़ों को वर्गीकृत करने में सूचना की क्षति होती है, तथापि आँकड़ों को वर्गीकरण द्वारा संक्षिप्त करने पर पर्याप्त जानकारी मिल जाती है। एक बार जब आँकड़ों को वर्गों में समाहित कर दिया जाता है तब व्यष्टि प्रेक्षणों का आगे सांख्यिकीय परिकलनों में कोई महत्त्व नहीं होता। उदाहरण 4 में वर्ग 20-30 के अंतर्गत 6 प्रक्षेण 25, 25, 20, 22, 25 एवं 28 है। इसलिए जब इन आँकड़ों को बारंबारता वितरण में वर्ग 20-30 में समूहित कर दिया जाता है, तब यह बारंबारता वितरण उस वर्ग की बारंबारता (जैसे 6) को दिखाता है, न कि उनके वास्तविक मानों को। इस वर्ग के सभी मानों को उस वर्ग के वर्ग अंतराल के मध्य मान या वर्ग चिह्न के बराबर माना जाता है (अर्थात् 25) आगे की सांख्यिकीय परिकलनों के लिए वर्ग चिह्न के मान को आधार बनाया जाता है, न कि उस वर्ग के प्रेक्षणों के मान को। यही बात सभी वर्गों के लिए सत्य है।
प्र.8. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि अपरिष्कृत आँकड़ों की अपेक्षा वर्गीकृत आँकड़े बेहतर होते हैं?
उत्तर हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि अपरिष्कृत आँकड़ों की अपेक्षा वर्गीकृत आँकड़े बेहतर होते हैं। यह अपरिष्कृत आँकड़ों को सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए एक सही रूप में संक्षिप्त करता है। यह जटिलताओं को दूर करता है तथा आँकड़ों की विशेषताओं को उजागर करता है। यह तुलना करने तथा निष्कर्ष निकालने में सहायता करता है। यह दिए गए आँकड़ों के तत्वों के अंतरसंबंध के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह समान तत्वों को एक समान करके आँकड़ों को समरूप समूहों में परिवर्तित करता है तथा उनमें समान व अमानताएँ ज्ञात करता है।
प्र.9. एक-विचर एवं द्विचर बारंबारता वितरण के बीच अंतर बताइए।
उत्तर एक विचर बारंबारता वितरण एकल चर के बारंबारता वितरण को एक-विचर वितरण कहा जाता है।
उदाहरणः
द्विचर बारंबारता वितरण
एक द्विचर बारंबारता वितरण, दो चरों का बारंबारता वितरण है।
उदाहरण
प्र.10. निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर 7 का वर्ग अंतराल लेकर समावेशी विधि द्वारा एक बारंबारता वितरण तैयार कीजिए।
उत्तर
- एक वर्ग मध्यबिन्दु बराबर हैं:
(क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के।
(ख) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के गुणनफल के।
(ग) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के अनुपात के।
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर (क) उच्च वर्ग सीमा तथा निम्न वर्ग सीमा के औसत के।
- दो चरों के बारंबारता वितरण को इस नाम से जानते हैं?
(क) एक विचर वितरण
(ख) द्विचर वितरण
(ग) बहुचर वितरण
(घ) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर (ख) द्विचर वितरण
- वर्गीकृत आँकड़ों में सांख्यिकीय परिकलेन आधारित होता है।
(क) प्रेक्षणों के वास्तविक मानों पर
(ख) उच्च वर्ग सीमाओं पर
(ग) निम्न वर्ग सीमाओं पर
(घ) वर्ग के मध्यबिंदुओं पर
उत्तर (क) प्रेक्षणों के वास्तविक मानों पर
- अपवर्जी विधि के अंतर्गतः
(क) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेक्षित नहीं करते।
(ख) किसी वर्ग की उच्च वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
(ग) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते।
(घ) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित करते हैं।
उत्तर (ग) किसी वर्ग की निम्न वर्ग सीमा को वर्ग अंतराल में समावेशित नहीं करते।
- परास का अर्थ है:
(ख) न्यूनतम एवं अधिकतम प्रेक्षणों के बीच अंतर
(ग) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का औसत
(घ) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों का अनुपात
उत्तर (क) अधिकतम एवं न्यूनतम प्रेक्षणों के बीच अंतर
प्र.2. वस्तुओं को वर्गीकृत करने में क्या कोई लाभ हो सकता है? अपनी दैनिक जीवन से एक उदाहरण देकर व्याख्या कीजिए।
उत्तर - हाँ वस्तुओं को वर्गीकृत करने का बहुत लाभ है
- यह अपरिष्कृत आँकड़ों को सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए एक सही रूप में संक्षिप्त करता है।
- यह जटिलताओं को दूर करता है तथा आँकड़ों की विशेषताओं को उजागर करता है।
- यह तुलना करने तथा निष्कर्ष निकालने में सहायता करता है। उदाहरण के लिए यदि एक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को उनके विषय तथा लिंग के आधार पर वर्गीकृत किया जाए तो तुलना करना अति सरल होगा।
- यह दिए गए आँकड़ों के तत्वों के अंतर संबंध के बारे में जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए साक्षरता तथा अपराध दरों के आँकड़ों से हम यह सहसंबंध स्थापित कर सकते हैं कि क्या ये एक दूसरे से संबंधित हैं।
- यह समान तत्वों को एक समान करके आँकड़ों को समरूप समूहों में परिवर्तित करता है तथा उनमें समान व असमानताएँ ज्ञात करता है।
प्र.3. चर क्या है? एक संतत तथा विविक्त चर के बीच भेद कीजिए।
उत्तर - किसी तथ्य की विशेषता या प्रक्रिया जिसे संख्याओं के रूप में मापा जा सके तथा जो समय प्रति समय, व्यक्ति प्रति व्यक्ति तथा समये प्रति समय परिवर्तनशील हो, उसे चर कहा जाता है। एक व्यक्ति की नाक चर नहीं हो सकती क्योंकि यह परिवर्तनशील नहीं है। सभी की एक ही नाक है। कद और वजन यह है क्योंकि ये व्यक्ति प्रति व्यक्ति अलग-अलग होते हैं।
विविक्त तथा संतत चर
प्र.4. आँकड़ों के वर्गीकरण में प्रयुक्त अपवर्जी तथा समावेशी विधियों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर - आँकड़ों को संतत श्रृंखला में वर्गीकृत करने की दो विधियाँ हैं:
- अपवर्जी श्रृंखला
- समावेशी श्रृंखला
अपवर्जी श्रृंखला – इस विधि में एक वर्ग की निचली सीमा अगले वर्ग की ऊपरी सीमा होती है। इसमें ऊपरी सीमा वर्ग अन्तराल में शामिल नहीं होती। उदाहरण के लिए;
समावेशी श्रृंखला – इस विधि में एक वर्ग की निचली सीमा अगले वर्ग की ऊपरी सीमा नहीं होती। इसमें निम्न तथा उच्च दोनों सीमाएँ वर्ग अंतराल में शामिल होती हैं। उदाहरण के लिए;
प्र.5. सारणी 3.2 के आँकड़ों का प्रयोग करें, जो 50 परिवारों के भोजन पर मासिक व्यय (रु. में) को दिखलाती है, और
(क) भोजन पर मासिक परिवारिक व्यय का प्रसार ज्ञात कीजिए।
(ख) परास को वर्ग अंतराल की उचित संख्याओं में विभाजित करें तथा व्यय का बारंबारता वितरण प्राप्त करें।
उन परिवारों की संख्या पता कीजिए जिनका भोजन पर मासिक व्यय
(क) 2000/- रु. से कम है।
(ख) 3000/- रु. में अधिक है।
(ग) 1500/-रु. और 2500 रु के बीच है।
उत्तर
प्र.6. एक शहर में, यह जानने हेतु 45 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया कि वे अपने घरों में कितनी संख्या में सेल फोनों का इस्तेमाल करते हैं। नीचे दिए गए उनके उत्तरों के आधार पर एक बारंबारता सारणी तैयार कीजिए।
उत्तर
प्र.7. वर्गीकृत आँकड़ों में सूचना की क्षति’ का क्या अर्थ है?
उत्तर- बारंबारता वितरण के रूप में आँकड़ों के वर्गीकरण में एक अंतर्निहित दोष पाया जाता है। यह अपरिष्कृत आँकड़ों का सारांश प्रस्तुत कर उन्हें संक्षिप्त एवं बोधगम्य तो बनाता है, परंतु इसमें वे विस्तृत विवरण नहीं प्रकट हो पाते जो अपरिष्कृत आँकड़ों में पाए जाते हैं यद्यपि अपरिष्कृत आँकड़ों को वर्गीकृत करने में सूचना की क्षति होती है, तथापि आँकड़ों को वर्गीकरण द्वारा संक्षिप्त करने पर पर्याप्त जानकारी मिल जाती है। एक बार जब आँकड़ों को वर्गों में समाहित कर दिया जाता है तब व्यष्टि प्रेक्षणों का आगे सांख्यिकीय परिकलनों में कोई महत्त्व नहीं होता। उदाहरण 4 में वर्ग 20-30 के अंतर्गत 6 प्रक्षेण 25, 25, 20, 22, 25 एवं 28 है। इसलिए जब इन आँकड़ों को बारंबारता वितरण में वर्ग 20-30 में समूहित कर दिया जाता है, तब यह बारंबारता वितरण उस वर्ग की बारंबारता (जैसे 6) को दिखाता है, न कि उनके वास्तविक मानों को। इस वर्ग के सभी मानों को उस वर्ग के वर्ग अंतराल के मध्य मान या वर्ग चिह्न के बराबर माना जाता है (अर्थात् 25) आगे की सांख्यिकीय परिकलनों के लिए वर्ग चिह्न के मान को आधार बनाया जाता है, न कि उस वर्ग के प्रेक्षणों के मान को। यही बात सभी वर्गों के लिए सत्य है।
प्र.8. क्या आप इस बात से सहमत हैं कि अपरिष्कृत आँकड़ों की अपेक्षा वर्गीकृत आँकड़े बेहतर होते हैं?
उत्तर हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि अपरिष्कृत आँकड़ों की अपेक्षा वर्गीकृत आँकड़े बेहतर होते हैं। यह अपरिष्कृत आँकड़ों को सांख्यिकीय विश्लेषण के लिए एक सही रूप में संक्षिप्त करता है। यह जटिलताओं को दूर करता है तथा आँकड़ों की विशेषताओं को उजागर करता है। यह तुलना करने तथा निष्कर्ष निकालने में सहायता करता है। यह दिए गए आँकड़ों के तत्वों के अंतरसंबंध के बारे में जानकारी प्रदान करता है। यह समान तत्वों को एक समान करके आँकड़ों को समरूप समूहों में परिवर्तित करता है तथा उनमें समान व अमानताएँ ज्ञात करता है।
प्र.9. एक-विचर एवं द्विचर बारंबारता वितरण के बीच अंतर बताइए।
उत्तर एक विचर बारंबारता वितरण एकल चर के बारंबारता वितरण को एक-विचर वितरण कहा जाता है।
उदाहरणः
द्विचर बारंबारता वितरण
एक द्विचर बारंबारता वितरण, दो चरों का बारंबारता वितरण है।
उदाहरण
प्र.10. निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर 7 का वर्ग अंतराल लेकर समावेशी विधि द्वारा एक बारंबारता वितरण तैयार कीजिए।
उत्तर